उत्तराखंड: नवरात्रि से पहले दलित बालिकाओं को मंदिर में प्रवेश से रोका

उत्तराखंड: नवरात्रि से पहले दलित बालिकाओं को मंदिर में प्रवेश से रोका

अल्मोड़ा जिले में नवरात्रि से पहले मंदिर दर्शन करने गई नौ दलित बालिकाओं को सवर्ण समाज के पुजारियों ने मंदिर में प्रवेश से रोक दिया गया। हिन्दू धर्म में बच्चियों को देवी का रूप माना जाता है। ऐसे में नवरात्रि में दलित समुदाय की लड़कियों के साथ हुए इस जातीय भेदभाव से दलित समाज में नाराजगी फैल गई है। इस मामले में पुलिस ने मिली तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने बताया कि जिले की शांति व्यवस्था को किसी भी सूरत में खराब नहीं होने दिया जाएगा। पुलिस मामले की गंभीरता से जांच कर आरोपियों से पूछताछ भी कर रही है।

जानिए क्या है पूरा मामला?

उत्तराखंड में अल्मोड़ा जिले के सोमेश्वर क्षेत्र में मालौज गांव निवासी मनीषा ने बताया, "हम 15 मार्च को सुबह लगभग 11 बजे गांव की लड़कियों के साथ शिव मंदिर में फूल खेलने (फूलदेई पूजा) के लिए गए हुए थे। किशोर और सोबन सिंह ने हमें बेइज्जत किया। उसने कहा —यह तुम्हारे बाप का मंदिर है जो आई हो, यह मंदिर हमने बनवाया है। तुम्हारे माता-पिता आज तक मंदिर में नहीं गए, तुम लोग कैसे जा सकती हो?...तुम मंदिर में नहीं जा सकती, तुम सब नीची कास्ट की हो। तुम मंदिर की बाउंड्री के अंदर नहीं आ सकती।"

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सदियों से चली आ रही प्रथा पर लड़कियों ने कहा कि हम पढ़े लिखे हैं अब ऐसा नहीं होने देंगे। "जब से हम पैदा हुए तब से यह चला आ रहा है। हमें कभी मंदिर के अंदर घुसने नहीं दिया गया। अब हम पढ़े लिखे हैं, अब ऐसा नहीं होने देंगे," लड़कियों ने कहा।

पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा

बालिकाओं के मंदिर में प्रवेश रोकने पर दलित समाज ने हंगामा करना शुरू कर दिया। इस मामले में सोमेश्वर थाने में तहरीर सौंपी गई। पुलिस ने दलित छात्राओं को मंदिर में प्रवेश से रोकने के आरोप में किशोर सिंह और सोबन सिंह के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट में मुकदमा दर्ज कर लिया है। मामले की जांच सीओ रानीखेत को सौंपी गई है।

क्या कहते हैं जवाबदेह अफसर?

इस मामले में क्षेत्राधिकारी रानीखेत ने बताया, "बीते 15 मार्च को दलित वर्ग की सात-आठ नाबालिग छात्राओं को मालौज गांव के शिव मंदिर में प्रवेश से रोकने का मामला सामने आया था। पुलिस ने इस मामले में दो सवर्णों के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट में केस दर्ज कर लिया है। मामले की विवेचना की जा रही है। उसके बाद आगे की कार्यवाही की जाएगी। हम किसी भी हाल में शांति व्यवस्था खराब नहीं होने देंगे।"

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