गुजरात: खेत की बुवाई करने गए दलित परिवार पर घात लगाकर हमला, दो भाइयों की मौत

हमले में 20 से ज्यादा लोग शामिल, दलित परिवार के सदस्यों पर नुकीले हथियारों से किया हमला।
सांकेतिक फोटो
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गुजरात के सुरेंद्रनगर जिले के संधियाला गांव में गत बुधवार को भूमि विवाद को लेकर दो दलित भाइयों पर ओबीसी समाज के कुछ लोगों ने धारदार हथियार से हमला कर दिया, जिसमें दोनों भाई गम्भीर घायल हो गए। दोनों घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान दोनों की मौत हो गई।

पुलिस के अनुसार आलजी परमार और उनके भाई मनोज परमार के साथ यह घटना हुए थी, और इलाज के दौरान सरकारी अस्पताल में मृत्यु हो गई। रिपोर्ट्स के अनुसार, हमले में घायल हुई पारुलबेन परमार की शिकायत के आधार पर चुडा पुलिस ने गुरुवार सुबह राजकोट और सुरेंद्रनगर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक, काठी दरबार समुदाय के छह पहचाने गए और 12-15 अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है।

एफआईआर के अनुसार, शिकायतकर्ता, अहमदाबाद में रहने वाली एक विधवा हैं, जो अपने दो भाई-भाभी (अपने मृत पति के भाई) और उनकी पत्नियों के साथ अपनी कृषि भूमि पर बुआई शुरू करने के लिए अपने पैतृक समधियाला गांव गई थीं।

शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि आरोपी लंबे समय से उसकी पुश्तैनी जमीन हड़पने की कोशिश कर रहे थे और उसे तथा परिवार के अन्य सदस्यों को धमका रहे थे। प्राथमिकी के अनुसार, जब वे खेत की जुताई करके लौट रहे थे, तो लगभग 20 लोगों के एक समूह ने कथित तौर पर उन पर लाठियों और धारदार हथियारों से हमला किया। एफआईआर में कहा गया है कि अलजीभाई और मनोज एक-एक लाख रुपये नकद ले जा रहे थे क्योंकि वे अपने खेत के चारों ओर तार की बाड़ लगाना चाहते थे, लेकिन आरोपियों ने नकदी लूट ली। हमलावरों ने खेत में लगे सीसीटीवी कैमरे भी तोड़ दिए। फोन छीन लिए और नंदिनी की आंखों में मिर्च पाउडर भी फेंक दिया।

बता दें अमराभाई खाचर और उनके भाई और बेटों के नेतृत्व में इन आरोपियों ने कथित तौर पर उनके वाहन पर हमला किया और यह कहते हुए उन्हें पीटना शुरू कर दिया कि जमीन केवल उनकी है और किसी को भी इसमें प्रवेश नहीं करना चाहिए।

पुलिस ने कहा कि आरोपियों पर हत्या, हत्या के प्रयास और दंगे के आरोप के साथ-साथ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है।

जानकारी के लिए बता दें कि काठी दरबार जाति के लोग गुजरात में अन्य पिछड़ी जातियों (ओबीसी) में आते है। वहीं दलितों की तुलना में काठी दरबार सामाजिक पदानुक्रम में बहुत ऊपर हैं।

एफआईआर के अनुसार, दलपत किसी तरह आपातकालीन सेवाओं को डायल करने में कामयाब रहे और समधियाला में तीन एम्बुलेंस बुलाए, जबकि नंदिनी 100 डायल करने में कामयाब रही और पुलिस से मदद मांगी।

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