
जयपुर। प्रदेश में दलित अत्याचार के नए-नए मामले लगातार सामने आ रहे हैं। यहां कभी घोड़ी चढ़ने पर तो कभी मूंछ रखने पर दलित की हत्या की जा रही है। एक मामले में पानी की मटकी छूने पर मासूम छात्र की पटाई से मौत का भी मामला सामने आ चुका है। अब दलित हत्या का ताजा मामला पाली जिले से सामने आया है। जहां दलित बस चालक से रात के अंधेरे में अनजाने में बस को पीछे करते हुए बस होटल के सामने रखी बैठने की बेंच से टकरा गई। बस चालक की अनचाही गलती पर आरोपी ने पहले बस चालक से उसका नाम व जाति पूछी। जैसे ही बस चालक ने नाम के साथ अपनी जाति मेघवाल बताई, होटल मालिक ने उसे जाति को आधार बनाकर अपमानित करना शुरु कर दिया। इसके बाद अपने साले, पुत्र व होटल कर्मियों के साथ मिलकर पीट-पीटकर हत्या कर दी। सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव कब्जे में लेकर नाडोल के समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंची।
इस संबंध में मृतक के चाचा रुगराम मेघवाल निवासी गुंदोज ने रानी पुलिस थाने में नाडोल के एक मिठाई दुकान मालिक सवाई सिंह, उसके साले, बेटे रुद्राक्ष, होटल कर्मी बिट्टू, घेवर देवासी व अन्य के खिलाफ हत्या के आरोप में मामला दर्ज कराया है।
दलित बस चालक गोविंद की हत्या की भनक लगते ही नाडोल कस्बे में भीम आर्मी व आजाद समाज पार्टी के पदाधिकारियों सहित अन्य बहुजन संगठन से जुड़े लोगों की भीड़ जमा हो गई। रविवार को पुलिस ने पोस्टमार्टम की कार्रवाई शुरू की तो परिजनों ने विरोध कर पहले हत्या के आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग कर दी, इससे पुलिस के हाथ पैर फूल गए। वृत्ताधिकारी बाली अचलसिंह, थानाधिकारी महेंद्र सिंह खींची मय पुलिस जाब्ते के मौके पर पहुंचे। जहां परिजनों से पोस्टमार्टम के लिए समझाईश की, लेकिन मृतक के चाचा रूगाराम ने आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद ही पोस्टमार्टम करने की बात कही।
मृतक बस चालक गोविंद मेघवाल के चाचा रुगाराम राम द मूकनायक को बताते हैं कि, "मेरे भतीजे का क्या कसूर था? रात के अंधेरे में अनजाने में बस एक बेंच से टकरा गई। इतनी से बात पर उसकी हत्या कर दी गई। जब तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होगी पोस्टमार्टम नहीं होने दूंगा।"
भीम आर्मी जिलाध्यक्ष पाली विजयराज परिहार ने द मूकनायक से बात करते हुए कहा कि राजस्थान में आए दिन दलितों की हत्या हो रही है। यह गम्भीर मामला है। शासन व प्रशासन में बैठे लोग दलितों के साथ दोहरा रवैया अपनाते हैं। उदयपुर में कन्हैया लाल दर्जी की हत्या होने पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत स्वयं मृतक के घर जाकर मृत आश्रितों को 50-50 लाख की ऐतिहासिक आर्थिक मदद देने के साथ दो लोगों को सरकारी नौकरी देने की घोषणा करते हैं, और प्रशासन के लोग बिना देर किए आरोपियों को गिरफ्तार कर लेते हैं।
भीम आर्मी जिलाध्यक्ष परिहार ने आरोप लगाया कि, यहां एक दलित की हत्या होने पर पहले तो पुलिस मुकदमा दर्ज करने में आनाकानी करती है।। एफआईआर दर्ज हुई तो अब आरोपियों को गिरफ्तार करने से बच रही है। ऐसे दोहरा रवैया नहीं चलने देंगे। बहुजन अब जाग गया है।
एडवोकेट श्रीपाल मेघवाल ने भी यहां पुलिस की मंशा पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि पुलिस पोस्टमार्टम के लिए दबाव बना रही है। हम पोस्टमार्टम से पहले आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं।
रानी पुलिस थानाधिकारी सिंह खींची ने द मूकनायक को बताया कि "गोविंद की मौत के बाद उसके चाचा रुगाराम निवासी गुंदोज ने एक रिपोर्ट देकर बताया कि उसका भतीजा गोविंद बस चालक है। 17 फरवरी को लगभग रात साढ़े 10 बजे नाडोल में सरकारी अस्पताल के पास सवारी बस को पीछे ले रहा था। तब अनजाने में पास वाली जोधपुर स्वीट्स मिठाई की दुकान के के बाहर बैठने की बेंच से बस की टक्कर लग गई। इस बात को लेकर होटल मालिक सवाईसिंह प्रार्थी के भतीजे के साथ गाली गलौच करने लगा। आरोपी दुकान मालिक ने उससे नाम व जाति के बारे में पूछा। नाम के साथ मेघवाल बताने पर आरोपी ने जातिसूचक शब्द बोलते हुए अपमानित किया। साथ ही आरोपी ने अपने साले, अपने पुत्र रुद्राक्ष, होटल कर्मी बिट्टू, घेवर देवासी आदि के साथ मिलकर गोविंद पर जानलेवा हमला कर दिया।"
"इस दौरान कुछ लोगों ने बीच बचाव किया। इस पर आरोपियों ने गोविंद को बचाने आए लोगों को धमका कर भगा दिया। तथा गोविन्द के साथ फिर से मारपीट करने लगे। मारपीट में गम्भीर चोट लगने के कारण गोविंद की मौत हो गई। मौत के बाद आरोपी शव को सड़क पर छोड़ कर भाग गए", एसएचओ ने कहा कि हत्या के आरोप में मामला दर्ज कर जांच बाली वृत्ताधिकारी अंचल सिंह को सौंपी गई है।
गोविंद मेघवाल हत्याकांड की जांच कर रहे बाली वृत्ताधिकारि अंचल सिंह ने कहा कि नाडोल में बस चालक गोविंद मेघवाल की हत्या के आरोप में रानी पुलिस थाना में मुकदमा दर्ज हुआ है। "मैं इस मामले की जांच कर रहा हूं। अभी शव का पोस्टमार्टम नहीं हुआ है। परिजनों के साथ सामाजिक संगठन के लोगों से पोस्टमार्टम के लिए समझाईश कर रहे हैं। अभी जांच से पहले कुछ नहीं कह सकते। शव नाडोल के सरकारी अस्पताल में रखा है।"
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