बिहार: लकड़ी बीनने गई दलित किशोरियों से क्रूरता के मामले में आरोपी गिरफ्तार, जानिए क्या था मामला?

घटना के दौरान दो किशोरियों के साथ दरिन्दिगी की गई थी, जिसमें से एक नाबालिग के हाथ-पैर तोड़कर हत्या कर दी गई थी। जबकि दूसरी गंभीर हालत में पड़ी हुई मिली थी।
बिहार: लकड़ी बीनने गई दलित किशोरियों से क्रूरता के मामले में आरोपी गिरफ्तार, जानिए क्या था मामला?

बिहार। राजधानी पटना में दो दलित बेटियों के साथ क्रूरता के बाद हत्या करने वाले आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। गौरतलब है कि बीते दिनों दो दलित नाबालिग लकड़ी बीनने गई थीं। इस दौरान दोनों के साथ दरिन्दिगी की गई थी, इसमें से एक नाबालिग के हाथ-पैर तोड़कर हत्या कर दी गई थी। जबकि दूसरी गंभीर हालत में पड़ी हुई मिली थी। दूसरी किशोरी का पटना एम्स में ईलाज जारी है।

राजधानी पटना में फुलवारी शरीफ में घर से लकड़ी बीनने निकली दो दलित लड़कियों के साथ रेप हुआ था। पुलिस को एक लड़की का शव मौके से बरामद हुआ था। उसके हाथ और पैर दोनों बुरी तरह तोड़ दिए गए थे, जबकि दूसरी किशोरी खून से लथपथ मिली थी।

जानकारी के मुताबिक नौ वर्षीय बच्ची अपनी सात वर्षीय सहेली के साथ गांव में ही लकड़ी (जलावन) लाने गत सोमवार की सुबह निकली परंतु घर लौटकर नहीं आई। दिव्यांग मां ने बच्चियों की काफी तलाश की, लेकिन वे नहीं मिली। बच्चियों की मां ने थाने पहुंचकर पुलिस को बच्चियों के लापता होने की जानकारी दी। पुलिस ने ढूंढने का आश्वासन देकर उन्हें लौटा दिया। मंगलवार की सुबह कुछ लोग शौच के लिए पहुंचे तो वहां एक बच्ची का शव और दूसरी बच्ची को कराहते देखा। सूचना पर पहुंची पुलिस ने घटनास्थल से बच्चियों के कुछ कपड़े बरामद किए। खोजी कुत्ते ने दो स्थानों पर खून के निशान को चिह्नित कराया था।

मृत बच्ची के पिता का पहले ही निधन हो चुका है, मां दिव्यांग हैं। वह एकमात्र संतान थी। दोनों बच्चियों के साथ दरिंदगी की सारी हदें पार कर दी गई हैं। दोनों की बेरहमी से पिटाई भी की गई थी। शव का हाथ पांव टूटा हुआ था। वहीं, दूसरी बच्ची घटना से इतनी डरी हुई थी कि वह किसी को भी अपने पास आता देख चीखने लगती। घटना की जानकारी मिलने के बाद कई थाने की पुलिस मौके पर पहुंची थी। घटना की गहन जांच के लिए एफएसएल और डॉग स्क्वायड को बुलाया गया था।

पुलिस ने मामले में आरोपी को किया गिरफ्तार

पुलिस ने इस घटना को अंजाम देने वाले आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने शनिवार को जानकारी देते हुए बताया कि पटना के हिंदुनी बधार इलाके में दो दलित नाबालिग लड़कियों के साथ कथित बलात्कार के आरोप में गिरफ्तार व्यक्ति ने उनके चेहरों को सीमेंट ब्लॉकों से कुचल दिया था। पटना के एसएसपी राजीव मिश्रा ने कहा कि आरोपी दयानंद राय (55) लड़कियों को एक सुनसान इलाके में ले गया और उनसे गोबर के उपले मांगने पर उनके साथ दुर्व्यवहार किया।

उन्होंने कहा कि इस्तेमाल किए गए ब्लॉकों को जब्त कर लिया गया और विश्लेषण के लिए फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) में भेज दिया गया। दोनों लड़कियों में से एक की घातक चोटों के कारण मौत हो गई, जबकि दूसरी का वर्तमान में एम्स, पटना में इलाज चल रहा है। राजीव मिश्रा ने बताया कि, दयानंद राय एक आदतन अपराधी है और दुर्व्यवहार की कई घटनाओं में शामिल था। पहले की एक घटना में, राय ने बच्चों के साथ छेड़छाड़ करने का प्रयास किया और अंततः पड़ोसियों ने उसकी पिटाई कर दी थी।

अधिकारी ने बताया कि राय ने एक अन्य घटना को भी अंजाम देने की बात कबूली है। जिसमें पुलिस ने 70 वर्षीय महिला का शव बरामद किया था। एसएसपी राजीव मिश्रा ने शनिवार को संवाददाताओं से कहा कि पुलिस टीम पर हमले के मामले में कोई कार्रवाई शुरू नहीं की गई है क्योंकि स्थानीय लोगों का गुस्सा भरा हुआ था।

महिला अपराध के आंकड़े चौकाने वाले

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो यानी एनसीआरबी की रिपोर्ट के आंकड़ों के मामले में 28 राज्यों में से उत्तर प्रदेश नंबर वन पर है, यहां पर महिलाओं के खिलाफ सबसे अधिक अपराध दर्ज किए गए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ अपराध के 65,743 मामले दर्ज किए गए, इसके बाद दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र आता है, जहां 45,331 मामले और तीसरे नंबर पर राजस्थान में 45,058 मामले दर्ज किए गए। जबकि साल 2021 में यूपी में महिलाओं के खिलाफ 56,083 अपराध के मामले दर्ज किए गए, इसके बाद राजस्थान 40,738 मामलों के साथ दूसरे स्थान पर रहा था।

एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2022 में देशभर में महिलाओं के खिलाफ कुल 445,256 अपराध के मामले दर्ज किए गए, जो 2021 में दर्ज 428,278 से चार प्रतिशत अधिक है। इनमें से ज्यादातर मामले पति या उसके रिश्तेदारों द्वारा मारपीट के आते हैं। इसके बाद अपहरण, रेप जैसे मामले हैं।

हाल ही में जारी हुई एनसीआरबी की रिपोर्ट 2022 के मुताबिक देश भर में पॉक्सो की धाराओं के तहत कुल 62,095 मामले दर्ज किए गए हैं। वहीं 2021 में बच्चों के खिलाफ अपराध के 1,49,404 मामले दर्ज किए गए, जिनमें से 53,874 - 36.05 प्रतिशत - यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम (POCSO) के तहत थे। 2020 में बच्चों के खिलाफ अपराध के 1,28,531 मामलों में से 47,221 POCSO मामले थे (36.73 प्रतिशत) और 2019 में 1,48,185 ऐसे मामलों में से 47,335 मामले (31.94 प्रतिशत) थे।

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