छह दलित युवाओं पर झूठा मुकदमा दर्ज करने का आरोप, कलक्टर से निष्पक्ष जांच की मांग

गणतन्त्र दिवस पर सरकारी स्कूल में बाबा साहब भीमराव आंबेडकर की तस्वीर लगाने की मांग पर स्कूल स्टॉफ ने दर्ज कराया था मुकदमा, मामले में युवकों की हुई थी गिरफ्तारी
छह दलित युवाओं पर झूठा मुकदमा दर्ज करने का आरोप, कलक्टर से निष्पक्ष जांच की मांग

जयपुर। राजस्थान में एससी, एसटी व अल्पसंख्यकों के साथ राज्य की सरकारी मशीनरी किस हद तक दोयम दर्जे का व्यवहार करती है, यह किसी से छिपा नहीं है। इस तबके के लोगों पर अत्याचार के मामलों में पुलिस एफआईआर तक दर्ज नहीं करती। एफआईआर दर्ज हो भी जाए तो फिर आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए प्रोटेस्ट करना पड़ता है, जबकि एससी, एसटी व अल्पसंख्यक वर्ग से आने वाले लोगों के खिलाफ यदि कोई झूठी शिकायत भी दे तो पुलिस कार्रवाई करने में देर नहीं लगाती।

ऐसा ही मामला राजस्थान के कोटा जिले से सामने आया है। यहां लसेड़िया कला निवासी महेंद्र मेघवाल ने बताया कि गत 26 जनवरी को गांव के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में गणतंत्र दिवस का समारोह आयोजित हुआ था। शिक्षकों व विद्यार्थियों के अलावा गांव के लोग भी यहां मौजूद थे। शिक्षकों ने यहां लक्ष्मीजी की तस्वीर तो लगाई थी, लेकिन बाबा साहब भीमराव आंबेडकर की तस्वीर नहीं लगाई थी।

इस पर प्रधानाध्यापक से निवेदन किया गया था कि जब लक्ष्मीजी की तस्वीर लगी है तो संविधान सभा के प्रमुख बाबा साहब की तस्वीर भी लगा दीजिए। उन्होंने सबके सामने कहा कि हमारे पास बाबा साहब की तस्वीर नहीं है। ना ही यह तस्वीर लगाने का हमारे पास कोई सरकारी आदेश है। तुम आदेश ले आओ हम तस्वीर लगा देंगे। इसके बाद हम उच्चाधिकारियों से बात करने की कहकर लौट आए।

भीम आर्मी सम्भाग महासचिव कोटा हरिओम मेघवाल ने कहा कि, यह बात सच है कि गणतंत्र दिवस पर बाबा साहब की तस्वीर नहीं लगाने की शिकायत पर अगले दिन 27 जनवरी को कार्यकर्ताओं के साथ लसेड़िया कला के स्कूल पहुंचे थे। इस दिन भी प्रधानाध्यपक छीतर लाल नागर से केवल बाबा साहब की तस्वीर नहीं लगाने का कारण पूछा था। इसके बाद वापस आ गए थे। हमारे आने के बाद शिक्षकों ने मिलकर षड्यंत्र के तहत प्रधानाध्यापक से हमारे खिलाफ झूठा मुकदमा दर्ज करवाया है।

पुलिस ने भी सच्चाई जाने बिना आनन-फानन में मुकदमा दर्ज कर लिया। इसके बाद पुलिस ने जांच के बहाने सभी आरोपी युवाओं को पुलिस थाने बुलाकर बिना कुछ पूछताछ किए कागजों पर हस्ताक्षर करवा कर गिरफ्तार कर लिया। हालांकि न्यायालय ने सभी को जमानत पर रिहा कर दिया।

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निष्पक्ष जांच कर दोषी शिक्षकों पर कार्रवाई की मांग

मामले में भीम आर्मी मिशन एकता के बैनर तले भीम आर्मी व आजाद समाज पार्टी के कार्यकर्ताओं ने जिला कलक्टर कोटा को हस्ताक्षर युक्त ज्ञापन सौंप कर लसेड़िया कला मामले में शिक्षकों पर षड्यंत्र के तहत भीम आर्मी कार्यकर्ताओं पर झूठा मुकदमा दर्ज कराने का आरोप लगाते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की है।

भीम आर्मी कोटा ग्रामीण जिलाध्यक्ष विनोद मेघवाल के नेतृत्व में सौंपे ज्ञापन में कार्यकर्ताओं ने बताया कि गणतंत्र दिवस पर लसेड़िया कला स्कूल में डॉ. भीमराव अम्बेडकर की तस्वीर नहीं लगा कर उन्हें सम्मान नहीं दिया गया। इस बात को भीम आर्मी कार्यकर्ताओं ने प्रधानाध्यपक से कहा तो उन्होंने सरकारी आदेश नहीं होने व बाबा साहब की तस्वीर भी नहीं होने की बात कही। अन्य अध्यापकों ने बाबा साहब की तस्वीर लगाना परम्परा के विरुद्ध बताते हुए झूठा मुकदमा दर्ज कराने के लिए धमकाया। बाद में राजकार्य में बाधा डालने के आरोप में झूठा मुकदमा दर्ज करवा दिया।

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आजाद समाज पार्टी के जिला संयोजक अतहर मिर्जा ने कहा कि यहां दलित, आदिवासी, अल्पसंख्यक व पिछड़ों के साथ भेदभाव हो रहा है। कोटा जिले के लसेड़िया कला गांव के सरकारी स्कूल में बाबा साहब के सम्मान की रक्षा करने वाले महेंद्र मेघवाल, हेमराज मेघवाल, द्वारकीलाल मेघवाल, रामलाल मेघवाल निवासी लसेड़िया कला व भीम आर्मी एकता मिशन संगठन के सम्भाग महासचिव कोटा हरिओम मेघवाल निवासी कुंदनपुर, दुर्गेश मेघवाल निवासी बम्बूलिया कला पर झूठा मुकदमा दर्ज उन्हें गिरफ्तार किया गया। इन लोगों को झूठी कहानी गढ़ कर जेल भी भेजा गया। उन्होंने कहा कि सरकार बाबा साहब का अपमान करने वाले शिक्षकों पर भी मुकदमा चलाए। इस मौके पर भीम आर्मी कोटा संभाग सह प्रभारी हंसराज नुगारिया, भीम आर्मी कोटा संभाग सहसंयोजक योगेन्द्र नरवाला, भीम आर्मी कोटा संभाग महासचिव हरिओम मेघवाल, राजकुमार मेघवाल भीम आर्मी दीगोद आदि मौजूद रहे।

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