हरियाणा: फरीदाबाद स्थित निजी हॉस्पिटल के वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट में उतरे 4 दलित सफाईकर्मियों की जहरीली गैस से मौत

वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट में उतरे 4 दलित सफाईकर्मियों की जहरीली गैस से मौत
वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट में उतरे 4 दलित सफाईकर्मियों की जहरीली गैस से मौत

सेक्टर-16 स्थित क्यूआरजी हॉस्पिटल में हुआ यह दर्दनाक हादसा।

नई दिल्ली। हरियाणा के फरीदाबाद के सेक्टर-16 स्थित क्यूआरजी हॉस्पिटल में सीवर सफाई के दौरान जहरीली गैस से चार दलित सफाईकर्मियों की मौत हो गई। दशहरा के त्योहार पर युवकों की मौत से परिवार में मातम छा गया। वहीं गुरुवार शाम को मृतकों के शव दिल्ली के दक्षिणपुरी इलाके स्थित उनके घरों पर लाए गए तो कोहराम मच गया। घर वालों की चीख पुकार और करुण क्रंदन सुनकर वहां मौजूद लोगों की आंखें नम हो गईं। देर शाम चारों मृतकों का अंतिम संस्कार भी कर दिया गया। मृतकों में दो सगे भाई थे।

अस्पताल में काम, वहीं हुई मौत!

हरियाणा के फरीदाबाद के सेक्टर-16 स्थित क्यूआरजी हॉस्पिटल वाटर ट्रीटमेंट प्लांट की सफाई करने के लिए सफाईकर्मियों को बुलाया गया था। जैसे ही 4 मजदूरों को टैंक के अंदर उतारा गया। चारों की जहरीली गैस से दर्दनाक मौत हो गई। मजदूरों के सहयोगियों ने जब तक चारों को सीवर से बाहर निकाला तब तक बहुत देर हो चुकी थी।

रोते-बिलखते मृतकों के परिजन
रोते-बिलखते मृतकों के परिजन

मृतकों की पहचान दक्षिणपुरी दिल्ली के संजय कैंप निवासी सगे भाई रोहित और रवि, विशाल और रवि के रूप में हुई है। इनकी उम्र लगभग 25 से 30 वर्ष है। पुलिस जांच में सामने आया कि यह सफाई कर्मी संतुष्टि एलाइड सर्विसेज के लिए कार्य करते थे और सफाई के लिए हर माह अस्पताल आते थे। बुधवार अस्पताल के सेफ्टी टैंक की सफाई कर रहे थे। पहले दो युवक अंदर सफाई के लिए उतरे और गैस की वजह से बेहोश होने पर दूसरे दो युवक उन्हें बाहर निकालने के लिए जैसे ही अंदर उतरे वह भी बेहोश हो गए। बाद में चारों को फायर ब्रिगेड की टीम ने मृत शवों को बाहर निकाला। बुधवार शाम का मामला होने से दिल्ली से परिजन फरीदाबाद नहीं पहुंच सके। इसके चलते शवों को राजकीय चिकित्सालय की मोर्चरी में रखवाया गया। अगले दिन गुरुवार सुबह परिजनों की उपस्थिति में मृतकों का पोस्टमार्टम कर शवों को परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया।

चार अलग-अलग एम्बुलेंस में लाए गए शव
चार अलग-अलग एम्बुलेंस में लाए गए शव

चार एम्बुलेंस से लाए गए शव

चारों मृतक दिल्ली निवासी थे। अस्पताल प्रबंधन की ओर से चार एम्बुलेंस की व्यवस्था की गई। इसके बाद परिजनों के साथ शवों को दिल्ली के लिए अपराह्न रवाना कर दिया गया। इधर, एम्बुलेंस जब दिल्ली के दक्षिण पुरी स्थित घर पर शव लेकर पहुंची। इससे पहले ही नाते-रिश्तेदारों व आस-पास के लोगों की भीड़ जमा हो गई थी। शव जैसे ही एम्बुलेंस से उतारे गए। परिजनों का रो रोकर बुरा हाल हो गया। जैसे तैसे लोगों ने उनको संभाला।

हरियाणा पुलिस कर रही जांच

सफाईकर्मियों में दो सगे भाई थे। वहीं दो लोग घायलों में एक आईसीयू में भर्ती है। युवकों ने टैंक में उतरने से पहले सुरक्षा उपकरण पहने थे। इसकी जानकारी नहीं हो पाई है। अक्सर देखा गया है कि इस तरीके के हादसे आए दिन सामने आते रहते हैं, लेकिन इसके बावजूद ना तो जिला प्रशासन इस तरीके की लापरवाही बरतने वाले संस्थानों और ना ही ठेकेदारों के खिलाफ कोई सख्त एक्शन लेता है। क्योंकि सीवर के गंदे पानी के अंदर जाने से पहले मजदूर को पर्याप्त तरीके से सुरक्षा के उपकरण दिए जाने चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं होता है। हरियाणा पुलिस मामले की जांच कर रही है।

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