परिनिर्वाण दिवस पर महामानव को किया याद, उनके बताए रास्ते पर चलने का लिया संकल्प

देश भर में अदरांजलि कार्यक्रम आयोजित, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित विभिन्न नेताओं ने दी श्रद्धांजलि.
सरोजिनी नगर के रनियापुर में बाबा साहब के परिनिर्वाण दिवस पर गोष्ठी आयोजित की गई।
सरोजिनी नगर के रनियापुर में बाबा साहब के परिनिर्वाण दिवस पर गोष्ठी आयोजित की गई। The Mooknayak
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नई दिल्ली। बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर के परिनिर्वाणदिवस पर बुधवार को देशभर में अदरांजलि कार्यक्रम आयोजित किए गए। विदेशों में भी बाबा साहब को याद किया गया।

इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, बीएसपी अध्यक्ष मायावती, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव समेत तमाम नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि वह न सिर्फ संविधान के शिल्पकार थे, बल्कि शोषितों और वंचितों के कल्याण के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाले सामाजिक समरसता के अमर पुरोधा भी थे।

संसद परिसर में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्म ने श्रद्धांजलि दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी संसद परिसर में अंबेडकर की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए और श्रद्धांजलि दी। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने भी पुष्पांजलि देकर भीमराव आंबेडकर को नमन किया। अंबेडकर की पुण्य तिथि पर यहां नोएडा.ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे के साथ सेक्टर 95 में दलित प्रेरणा स्थल पर बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। इसी को देखते हुए गौतमबुद्ध नगर यातायात पुलिस ने यात्रियों को असुविधा से बचने के लिए डायवर्जन का पालन करने और यातायात नियमों का पालन करने की सलाह दी।

इस मौके पर हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के चौड़ा मैदान में भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित की गई। वहीं प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने डॉक्टर अंबेडकर की प्रतिमा पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए।

सरोजिनी नगर के रनियापुर में बाबा साहब के परिनिर्वाण दिवस पर गोष्ठी आयोजित की गई। इस दौरान लोकतन्त्र व संविधान की रक्षा का संकल्प लिया गया। गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए लेखक और इतिहासकार सुभाषचंद्र कुशवाहा ने कहा कि अंबेडकर के विचार मानवमात्र की समानता, उसके स्वाभिमान की सुरक्षा के साथ थे तो अश्पृष्यता, गैर बराबरी, ऊंच-नीच का निषेध थे। अंबेडकर ने दलितों और स्त्रियों, वंचितों के प्रति बरती जा रही भेदभाव वाली आर्थिक, सामाजिक और सत्तातत्मक नीतियों का विरोध किया, उनसे मुक्ति का संघर्ष किया।

वंचितों को आर्थिक समानता, शिक्षा और संपत्ति के अधिकार प्राप्त करने पर बल दिया। प्रत्येक व्यक्ति को विकास के समान अवसर उपलब्ध कराना किसी भी समाज की प्रथम और अंतिम नैतिक जिम्मेदारी होनी चाहिए। अगर समाज इस दायित्व का निर्वहन नहीं कर सके तो उसे बदल देना चाहिए। कार्यक्रम की अध्यक्षता मीना रावत व संचालन ओम प्रकाश राज ने किया। इस दौरान आरबी सिंह, उबैद सिद्दीकी, राजेश अम्बेडकर, अमरनाथ सिंह, संगीता, सपना, अनीता व राम बख्स आदि लोग उपस्थित थे।

मध्यप्रदेश के सारंगपुर में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद सारंगपुर द्वारा बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस के उपलक्ष्य में शासकीय स्वामी विवेकानंद महाविद्यालय व मेडिकेयर कॉलेज में बाबा साहब के छायाचित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी गई। भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर को याद करते हुए विद्यार्थी परिषद सारंगपुर भाग संयोजक शुभम शर्मा ने कहा कि बाबा साहब का विचार था कि एक छात्र के अंदर करुणा, विद्या, मैत्री, शील और समानता इन पंच तत्वों का समावेश होना चाहिए।

महाविद्यालय अध्यक्ष प्रदीप सिंह गुर्जर ने बाबा साहब भीमराव अंबेडकर को याद करते हुए उनके द्वारा शोषित दलित वंचित और गरीब समाज के उत्थान के लिए किए गए प्रयासों की सराहना की। विद्यार्थी परिषद सारंगपुर नगर मंत्री आदित्य शर्मा ने उपस्थित सभी विद्यार्थियों का आभार व्यक्त करते हुए बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के पद चिन्हों पर चलते हुए समानता, समता और भाईचारे को अपने विद्यार्थी जीवन में उतारने का आग्रह किया। मुख्य रूप से मेडिकेयर कॉलेज संचालक ऋषभ सिंह यादव, शासकीय स्वामी विवेकानंद महाविद्यालय प्राचार्य डॉ. ममता खोईया, विद्यार्थी परिषद के गोविंद कुंभकार व गोविंद नायक आदि उपस्थित रहे।

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