कूड़ा बीनने वाली महिलाओं को सम्मानित कर मनाया अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस का जश्न

कूड़ा बीनने वाली महिलाओं को सम्मानित कर मनाया अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस का जश्न

नई दिल्ली। अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य पर दिल्ली के सीमापुरी में शनिवार को अलेस एवं दशम (दलित आदिवासी शक्ति अधिकार मंच) के संयुक्त प्रयास से "साहित्य से श्रम का संवाद" एवं कूड़ा बीनने वाली महिलाओं के अनुभव एवं संघर्ष यात्रा के सम्मान में एक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम का आयोजन अंबेडकरवादी लेखक संघ एवं दलित आदिवासी अधिकार मंच के बैनर तले किया गया। कार्यक्रम में कूड़ा बीनने वाली महिलाओं में बहिरन बीवी, कोहिनूर बीवी और जहाँनारा बीवी को मोमेंटो देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम के दौरान सम्मानित हुई महिलाओं ने अपने अनुभवों, संघर्षों और चुनौतियों को साझा किया। सम्मानित हुई एक महिला ने कहा कि "हम जिंदगी में पहली बार सम्मानित हुए हैं, और आज पहली बार हम अपने काम को लेकर गर्व महसूस कर रहे हैं।"

कार्यक्रम में उपस्थित डॉ. मुकेश मिरोठा, डॉ. सीमा माथुर, डॉ. अनुज कुशवाह, अशोक टांक, शशि पंडित और बीना ने अपनी बात रखी।

आयोजन में उपस्थित विशिष्ट अतिथि द मूकनायक की फाउंडर मीना कोतवाल ने कहा कि, "यह आयोजन अलेस एवं दशम के सहयोग से किया गया है जिसमें जमीनी स्तर पर काम करने वाली महिलाओं को सम्मानित किया गया। यह सराहनीय तो है ही, साथ ही सम्मानित महिलाओं के लिए भी प्रेरणा का काम करेगा और उनके आत्मविश्वास को बढ़ावा देगा।"

आगे उन्होंने कहा कि "इस तरह के श्रम से जुड़ी महिलाओं को अपने बच्चों को पढ़ाकर कामयाब भी बनाना है। हमने भी जीवन में मेहनत-मजदूरी कर संघर्ष किया है और शिक्षा हासिल की। आज मैं मीडिया क्षेत्र में काम करती हूँ। हम सब श्रमशील जातियों से आते हैं। इसी श्रम से जुड़े होने के कारण हमें अपमानित भी होना पड़ता है। लेकिन आज हम सब पढ़ लिखकर जीवन के विविध क्षेत्रों में आगे बढ़ रहे हैं। हमारे बीच आज भी एक ऐसी सोच है जो लगातार अपमानित करती है और हमें आगे भी नहीं बढ़ने देती। मुझे भी मीडिया संस्थान ने निकाल दिया था। क्योंकि मैं श्रमशील जाति से आती हूँ," मीना ने कहा, "यह हमारा अपना कार्यक्रम है और अपने लोगों को सम्मानित कर गर्व महसूस हो रहा है। क्योंकि हम अपने ही समुदाय को सम्मानित कर रहे हैं, और उन्हें आगे बढ़ने की प्रेरणा दे रहे हैं।"

कार्यक्रम में मंच का संचालन डॉ. सीमा माथुर द्वारा किया गया और इसके समापन की घोषणा एवं धन्यवाद ज्ञापन अशोक बंजारा ने किया।

कूड़ा बीनने वाली महिलाओं को सम्मानित कर मनाया अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस का जश्न
घर, परिवार और खेती संभालती महिला किसान के संघर्षों की कहानी

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